कहां गये वे,सुहाने दिन। जब हम बच्चे थे और, बचपन का जमाना था।। कहां गये वे,सुहाने दिन। जब हम बच्चे थे और, बचपन का जमाना था।।
भाग-दौड़ की रेल में जैसे सवार हो गये मुस्कुराने की कला जैसे भूल ही गये। भाग-दौड़ की रेल में जैसे सवार हो गये मुस्कुराने की कला जैसे भूल ही गये।
न चिंता थी न दुविधा थी न भाषा धर्म की दीवार थी न चिंता थी न दुविधा थी न भाषा धर्म की दीवार थी
बीते कल को याद न कर, वो कल कभी न आयेगा। बीते कल को याद न कर, वो कल कभी न आयेगा।
कितनी सारी यादें को समेटे हुए है ये टूटा घर। मेरे बचपन की पहचान है ये मेरा पुराना घर। कितनी सारी यादें को समेटे हुए है ये टूटा घर। मेरे बचपन की पहचान है ये मेरा पु...
मायूस हो चुका है बचपन जिनका, उन्हे फिर खुशियां लौटाएं, कहीं से मस्ती भरे दिन लाएं। मायूस हो चुका है बचपन जिनका, उन्हे फिर खुशियां लौटाएं, कहीं से मस्ती भरे द...